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क्रिसमस ट्री का महत्व, क्रिसमस ट्री के 5 अनमोल गुण

  • Writer: Pritam Verma
    Pritam Verma
  • Dec 25, 2017
  • 3 min read

क्रिसमस ईसाइयों का पवित्र पर्व है जिसे वह बड़ा दिन भी कहते हैं। प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में संपूर्ण विश्व में ईसाई समुदाय के लोग विभिन्न स्थानों पर अपनी-अपनी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धा, भक्ति एवं निष्ठा के साथ मनाते हैं। चर्चों में क्रिसमस डे के उपलक्ष्य में बिजली की लड़ियों से परिसरों को सजाया गया है। क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस वृक्ष का विशेष महत्व है। सदाबहार क्रिसमस वृक्ष डगलस, बालसम या फर का पौधा होता है जिस पर क्रिसमस के दिन बहुत सजावट की जाती है। अनुमानतः इस प्रथा की शुरुआत प्राचीन काल में मिस्रवासियों, चीनियों या हिबू्र लोगों ने की थी। 

यूरोप वासी भी सदाबहार पेड़ों से घरों को सजाते थे। ये लोग इस सदाबहार पेड़ की मालाओं, पुष्पहारों को जीवन की निरंतरता का प्रतीक मानते थे। उनका विश्वास था कि इन पौधों को घरों में सजाने से बुरी आत्माएं दूर रहती हैं। आधुनिक क्रिसमस ट्री की शुरुआत पश्चिम जर्मनी में हुई। मध्यकाल में एक लोकप्रिय नाटक के मंचन के दौरान ईडन गार्डन को दिखाने के लिए फर के पौधों का प्रयोग किया गया जिस पर सेब लटकाए गए। इस पेड़ को स्वर्ग वृक्ष का प्रतीक दिखाया गया था। 

उसके बाद जर्मनी के लोगों ने 24 दिसंबर को फर के पेड़ से अपने घर की सजावट करनी शुरू कर दी। इस पर रंगीन पत्रियों, कागजों और लकड़ी के तिकोने तख्ते सजाए जाते थे। विक्टोरिया काल में इन पेड़ों पर मोमबत्तियों, टॉफियों और बढ़िया किस्म के केकों को रिबन और कागज की पट्टियों से पेड़ पर बांधा जाता था। इंग्लैंड में प्रिंस अलबर्ट ने 1841 ई. में विडसर कैसल में पहला क्रिसमड ट्री लगाया था। क्रिसमस की रात सेंटा क्लॉज द्वारा बच्चों के लिए उपहार लाने की मान्यता है। ऐसी मान्यता है कि सेंटा क्लॉज रेंडियर पर चढ़कर किसी बर्फीले जगह से आते हैं और चिमनियों के रास्ते घरों में प्रवेश करके सभी अच्छे बच्चों के लिए उनके सिरहाने उपहार छोड़ जाते हैं। 

सेंटा क्लॉज की प्रथा संत निकोलस ने चौथी या पांचवी सदी में शुरू की। वे एशिया माइनर के बिशप थे। उन्हें बच्चों और नाविकों से बेहद प्यार था। उनका उद्देश्य था कि क्रिसमस और नववर्ष के दिन गरीब-अमीर सभी प्रसन्न रहें। उनकी सद्भावना और दयालुता के किस्से लंबे अरसे तक कथा-कहानियों के रूप में चलते रहे। एक कथा के अनुसार उन्होंने कोंस्टेटाइन प्रथम के स्वप्न में आकर तीन सैनिक अधिकारियों को मृत्यु दंड से बचाया था। सत्रहवीं सदी तक इस दयालु का नाम संत निकोलस के स्थान पर सेंटा क्लॉज हो गया। यह नया नाम डेनमार्क वासियों की देन है। 

क्रिसमस ट्री का महत्व (5 अनमोल गुण)

क्रिसमस ट्री का पहला गुण ज्यादा से ज्यादा लोग प्लास्टिक का christmas tree का उपयोग करते है. पर यदि आप इसकी जगह प्राकृतिक क्रिसमस ट्री का इस्तेमाल करेंगे तो ये आपके लिये ज्यादा शुभ होगा. 

क्रिसमस ट्री का दूसरा गुण प्राकृतिक क्रिसमस ट्री में वो गुण होते है जो आपके घर के वास्तु दोष को दूर करते है. 

क्रिसमस ट्री का तीसरा गुण

अधिकतर लोग christmas day के दिन christmas tree पर मोमबत्ती लगाकर उसको अच्छे से सजाते है.. और मोमबत्ती का घर में लगाना शुभ माना जाता है| यदि आप सुगन्धित मोमबत्ती का इस्तेमाल करोगे तो आपके घर से नकारात्मक उर्जा बाहर चली जाएगी.

क्रिसमस ट्री का चोथा गुण बहुत सारे लोग क्रिसमस tree पर रिबन, गिफ्ट और लाईटे लगाकर इसको अच्छे से सजाते है तो कुछ लोग ट्री पर घंटी भी टांगते है| फेंगसूई के अनुसार घंटी की आवाज बहुत ही असरदार होती है और इससे बुरी आत्मा और नेगेटिव एनर्जी दूर भागती है. 

क्रिसमस ट्री का पांचवां गुण Christmas ट्री पर एक लाल रंग में बंधे तीन सिक्के लटकने से घर में धन की कमी नही रहती है और घर में घन की बरकत होती है. 


 
 
 

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