top of page
Search

इस पौधे को लगाये शीघ्र होगा कर्ज और कष्ट से छुटकारा, हिंदुओं के लिए विशेष महत्त्व है इन पौधों का

  • Writer: Pritam Verma
    Pritam Verma
  • Mar 13, 2018
  • 3 min read

हमारे शास्त्रों में आता है की घर में कौन सा पेड़ लगाना चाहिए और कौन सा नहीं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है की घर में पेड़ किस दिशा में लगाना चाहिए। आइए जानते हैं वृहतसंहिता के अनुसार घर में कौन सा पेड़ किस दिशा में लगाया जाए तो, वह शुभफल देगा…


बरगद को वृक्ष पूर्व में, पश्चिम में पीपल, उत्तर में पिलखन एंव दक्षिण दिशा में गूलर का पेड़ लगाना शुभ माना जाता है। यही वृक्ष अगर विपरीत दिशाओं में हो तो, अशुभ फल देने लगते है। घर के समीप कांटेदार वृक्ष शत्रुभय उत्पन्न करते हैं एंव दूध वाले पेड़ धन का नाश करते है।

इन पौधों को लगाए :

1.नीम : सामान्यत: नीम के पेड़ घर में लगा होना काफी शुभ माना जाता है। पॉजिटिव एनर्जी के साथ यह पेड़ कई प्रकार से कल्याणकारी होता है।

2.तुलसी : हिन्दू धर्म में इस पौधे का खास महत्व है। तुलसी के पौधे को एक तरह से लक्ष्मी का रूप माना गया है। यदि आपके घर में किसी तरह की निगेटिव एनर्जी मौजूद है, तो यह पौधा उसे नष्ट करने की ताकत रखता है। हां, ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए।

3.बांस : बांस का पौधा घर में लगाना समृद्धि और आपकी सफलता को ऊपर ले जाने की क्षमता रखता है।

4.नारियल : जिनके घर में नारियल के पेड़ लगे हों, उनके मान-सम्मान में खूब वृद्धि होती है।

5.आंवला : घर में आंवले का पेड़ लगा हो और वह भी उत्तर दिशा और पूरब दिशा में तो यह अत्यंत लाभदायक है। यह आपके कष्टों का निवारण करता है।

6.केला : केले का पौधा धार्मिक कारणों से भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। गुरुवार को इसकी पूजा की जाती है और अक्सर पूजा-पाठ के समय केले के पत्ते का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए घर में केले का पेड़ ईशान कोण में हो तो बेहतर है। कहते हैं इस पेड़ की छांव तले यदि आप बैठकर पढ़ाई करते हैं तो वह जल्दी जल्दी याद भी होता चला जाता है।

तुलसी के 8 अद्भुत फायदे :



सर्दी-जुकाम एवं सिरदर्द में: वायरस से लडने की क्षमता होने के कारण तुलसी के पत्तों को प्रतिदिन खाली पेट चबाने से सर्दी-जुकाम और फ्लू आदि से बचा जा सकता है। ऐसी स्थित में कुछ तुलसी पत्रों, काली मिर्च,अजवायन और नमक के मिश्रण को उबालकर तैयार किए काढे का प्रयोग काफी प्रभावी होता है। सिरदर्द होने पर इनकी पत्तियों के पेस्ट और घिसे चंदन को मिलाकर तैयार किए हुए लेप को कपाल पर लगाने से शीघ्र राहत मिलता है।


बुखार में उपयोगी: इस अद्भुत औषधि के एंटी-पायरेटिक गुण के कारण यह बुखार के प्रभाव को कम करने में काफी कारगर होता है।


पथरी का इलाज: जो लोग किडनी की पथरी से ग्रस्त उनके लिए तुलसी एक वरदान से कम नहीं है। एक शोध में पता चला कि इसके इलाज के लिए तुलसी पत्रों के रस एवं शहद के मिश्रण के नियमित सेवन से किडनी की पथरी धीरे-धीरे गलकर मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है।


डायबिटीज का उपचार: तुलसी अपने औषधीय गुणों में एंटी-अॉक्सीडेंट तथा लाभकारी तेलों के गुण भी समाए हुए है। इसकी पत्तियों का जूस हमारे अग्न्याशय के सुचारू रूप से संचालन में मदद करता है,जिससे शरीर मेंं इंसुलीन,जो ग्लूकोज के पाचनमें सहायक है, के उत्पादन की मात्रा संतुलित करता है। ऐसे रोगियों के लिए तुलसी सर्वोत्तम प्राकृतिक औषधि है।


तनावदूर करने में: दिन भर भाग-दौड और कम के प्रेशर से परेशान लोग अक्सरतनाव से ग्रस्त रहते हैंं। ऐसे में सुबह-सुबह तुलसी के पत्ते नियमित रूप से चबाने पर यह हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करके तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है।


हृदय रोगों से रक्षा: शोध के अनुसार, तुलसी में 'Eugenol' नामक एंटी-अॉक्सीडेंट पाया जाता है,जो खराब कॉलेस्ट्रॉल को कम करके रक्तचाप को संतुलित करता है। अतः रोज तुलसी के पत्ते चबाकर खाने से अनेक तरह के हृदय रोगों से बचा जा सकता है।


चर्मरोग का निवारण: तुलसी दल के रस प्रयोग अनेक प्रकार के चर्मरोगों के उपचार में भी कारगर है,क्योंकि इसमें एंटी-फंगल गुण पाया जाता है। इसके साथ हींं यह खुजली और सफेद दाग को ठीक करने में उपयोगी है।


दुर्गंध दूर करे: मुंंह से दुर्गंध की परेशानियों को दूर करने के लिए तुलसी की सूखी पत्तियों का सरसों तेल के साथ पेस्ट बनाकर मसूडों पर मसाज करने से मुंह की दुर्गंध समाप्त हो जाती है। इसके अलावा इस पेस्ट से दांतोंकी सफाई करने पर पायरिया जैसे दंत रोगों से बचा जा सकता है।

Stay tuned to NurseryBuy on Facebook, Instagram, Twitter.. comingsoon on www.nurserybuy.com


 
 
 

Comments


  • Facebook
  • Instagram

8788150252

Pune, Maharashtra, India

©2017 by NurseryBuy.com. Proudly created with Wix.com

bottom of page